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विश्वकर्मा जयंती: शिल्पियों का सम्मान, कौशल विकास का संकल्प (Vishwakarma Jayanti: Celebrating Craftsmanship, Resolving Skill Development)

हर साल माघ शुक्ल त्रयोदशी को मनाए जाने वाली विश्वकर्मा जयंती इस साल 22 फरवरी को आ रही है। देशभर में शिल्पकारों, कारीगरों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के आदर, सम्मान और उनके कार्यों को सम्मानित करने का उत्सव तैयार है।

सरकार करेगी विशेष आयोजन (Government to Hold Special Event in Vishwakarma Jayanti )

सरकार भी पीछे नहीं है। भारत सरकार 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती समारोह का आयोजन करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और कारीगरों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। पूजा के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिल्प प्रदर्शनी, कौशल विकास पर कार्यशालाएं और सम्मान समारोह भी आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री इस मौके पर शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए विशेष योजना की घोषणा भी कर सकते हैं।

जनमानस में भी धूमधाम से मनाया जाएगा जयंती (Celebrations Across the Nation)

सरकारी स्तर पर ही नहीं, बल्कि देशभर में विश्वकर्मा जयंती बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाएगी। मशीनरी और औजारों की पूजा की जाएगी, कारखानों में विशेष आयोजन होंगे, शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और कई जगह प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।

कौशल विकास पर जोर देना समय की मांग (Focus on Skill Development is the Need of the Hour)

विश्वकर्मा जयंती केवल उत्सव ही नहीं, बल्कि देश के विकास में शिल्प और कौशल के योगदान को याद करने का अवसर भी है। यह दिन हमें न केवल इन कारीगरों का सम्मान करने की प्रेरणा देता है, बल्कि आधुनिक समय में कौशल विकास पर भी जोर देता है। युवा पीढ़ी को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने और नए कौशल को बढ़ावा देकर हम आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सकते हैं।

इस तरह सरकार और जनमानस दोनों मिलकर विश्वकर्मा जयंती को शिल्प कौशल के गौरव और उसके भविष्य को बनाने के संकल्प का उत्सव बनाएंगे।

जय श्री विश्वकर्मा!